चुनाव तुम्हारा है
कार सेवा में नादिया का एक दिन
छोटी उम्र से ही नादिया को कारों का शौक था। वह कारों की बॉडी और ब्रांड के साथ-साथ उसके घटकों को भी अच्छी तरह समझती है। वह अपने पिता के पुराने पिकअप ट्रक को व्यवस्थित करते हुए गैराज में दिन बिताती थी। अब वह अपने दोस्त की कार सर्विस में फोरमैन के रूप में काम करती है। आज तक, ग्राहकों से मिलना, मरम्मत करना, कारों की सफाई करना और बीच में दौड़ खेलना उसकी दिनचर्या थी। आज पहली बार उसे लगा कि वह किसी अजनबी के प्रति आकर्षित है और प्रतिद्वंद्विता क्या होती है। यह कहानी किस प्रकार समाप्त होती है यह आप पर निर्भर है।