13 july
चाय समारोह
मैं दिन के इस शांत और धीमे जागरण में हूँ। मेरी चाय मेरी हथेलियों में धीरे-धीरे भाप बन रही है, और रोशनी मेरे लबादे के फीते पर खेल रही है। मुझे कोई जल्दी नहीं है। मैं बस मौजूद हूँ, इतनी जीवंत, इतनी वास्तविक, इतनी कोमल। मैं इंतज़ार कर रही हूँ कि तुम मेरे राज़ खोलो, मेरी साँसों को महसूस करो, मुझे छुओ... मैं खुद को तुम्हारे सामने प्रकट करूँगी...